Friday, April 10, 2020

Ramayan ke kirdar ab 32 sal bad


आजकल कहां हैं रामानंद सागर की 'रामायण' के मुख्य किरदार, 32 साल बाद अब दिखते हैं कैसे?

प्रोड्यूसर-डायरेक्टर रामानंद सागर को खासतौर से 'रामायण' के लिए जाना जाता है। 1986- 1988 के बीच प्रसारित हुए इस सीरियल के एक्टर्स को लोग उनके असली नाम की जगह किरदार के नामों से ही जानने लगे। ये सीरियल इतना पॉपुलर था कि रामानंद सागर की रामायण का एक-एक किरदार लोगों को आज भी याद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो किरदार अपनी रियल लाइफ में अब कैसे नजर आते हैंरामायण और क्या कर रहे हैं आइए आपको बताते हैं।रामायण में भगवान राम का किरदार निभाया था अरुण गोविल ने। उस दौर में अरुण गोविल को लोग भगवान राम ही समझ बैठते थे। वो जहां जाते थे, उनके पैर छूने के लिए लोगों की लाइन लग जाती थी।
Arun govil
रामायण में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को आज भी सीता के रूप में ही याद किया जाता है। वैसे तो टीवी पर कई हिरोइनों ने सीता का किरदार निभाया, लेकिन दीपिका जैसा जादू किसी का नहीं चला।
दीपिका छिखालियासुनील लहरी ने रामानंद सागर की रामायण में राम के छोटे भाई लक्ष्मण का रोल किया था। laxmanदारा सिंह ने रामानंद सागर की रामायण में हनुमान का रोल निभाया था। हालांकि कि वो अब वो इस दुनिया में नहीं रहे।हनुमान


रावणरामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी। इस रोल ने उन्हें इस कदर सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाया कि लोग उन्हें असल जिंदगी में रावण समझने लगे थे।दशरथरामानंद सागर की रामायण में बाल धुरी भगवान राम के पिता और राजा दशरथ का किरदार निभाया था।कौशल्याअभिनेत्री जयश्री गड़कर ने रामायण में रानी कौशल्या का किरदार निभाया था। हालांकि जयश्री अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
प्रभा मिश्रारामायण में मंदोदरी की भूमिका प्रभा मिश्रा ने निभाया था। इस सीरियल में मिले किरदार से उन्हें खासी पहचान मिली। मंदोदरी की भूमिका ने उनके जीवन को अध्यात्म का रास्ता दिखाया। राजयोग के जरिए वे ग्लैमरस लाइफ से दूर होकर पूरी तरह आध्यात्मिक बन गईं।
padma khanna
90 के दशक में अपनी शानदार अदाकारी के जरिए सभी के दिलों में जगह बनाने अभिनेत्री पद्मा खन्ना को रामानंद सागर के सीरियल 'रामायण' में कैकई के यादगार रोल के लिए जाना जाता है।

रामायण के टेलीकास्ट के समय अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे लोग, कर्फ्यू जैसा होता था माहौल

  •     32 साल पहले, जब रामानंद सागर ने फिल्मों से टीवी पर आने का फैसला किया, तो उन्हें कई लोगों का समर्थन नहीं मिला। क्योंकि टीवी को एक लाभदायक माध्यम नहीं माना जाता था। और फिर भी, भारतीय टीवी के चेहरे को बदलने वाले एक शो को बनाने के लिए, थोड़ा वित्तीय समर्थन के साथ, वह आगे बढ़ गया।
प्रोड्यूसर-डायरेक्टर रामानंद सागर को खासतौर से 'रामायण' के लिए जाना जाता है। रामानंद सागर की प्रतिभा का आंकलन इससे लगाया जा सकता है कि वो एक लेखक, पत्रकार, स्क्रिप्ट राइटर, डायलॉग राइटर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर थे। रामानंद सागर का निधन 12 दिसंबर 2005 को हुआ था। लगातार छह सिल्वर जुबली सुपरहिट फिल्में बनाने के बाद रामानंद सागर ने जब टीवी पर रामायण बनाने का फैसला किया तो उनके सभी साथी अचंभित थे।
रामानंद सागरramanand sagarरामायण ने भारतीय टेलीविजन इतिहास में नये मुकाम हासिल किये। इसके हर दृश्य को जीवन्त बनाने के लिए हर एक शख्स ने मेहनत की थी। बीबीसी के मुताबिक 1944 में एक ज्योतिष ने रामानंद सागर का हाथ देखकर ये भविष्यवाणी की थी कि वो अपने जीवन के अंतिम दिनों में श्री राम के जीवन को फिर रचेंगे। रामानंद सागर का जन्म 29 दिसंबर 1917 पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। उनके बचपन का नाम चंद्रमौली चोपड़ा था।ramanand sagarपरिवार के लिए उन्हें चपरासी तक की नौकरी करनी पड़ी। रामानंद सागर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर लेखक की। तेजी से कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते हुए 1950 में प्रोडक्शन कंपनी 'सागर आर्ट कॉरपोरेशन' की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन किया जिनमें आरजू, इंसानियत, पैगाम, आंखें, ललकार, गीत जैसी कई बेहतरीन फिल्में शामिल हैं।Ramayan Serialबात करें सीरियल्स की तो इनमें विक्रम बेताल, रामायण, श्रीकृष्णा, अलिफ लैला, जय गंगा मैया जैसे सुपरहिट थे। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी रामायण ने। 25 जनवरी 1987 को रामायण का पहला एपिसोड प्रसारित हुआ। ये सीरियल 31 जुलाई 1988 तक चलता रहा। दूरदर्शन पर रामायण रविवार सुबह 45 मिनट (विज्ञापन समेत) तक आता था।रामायणकहा जाता है कि उस दौर में रामायण के प्रसारण के दौरान अफसर से लेकर नेता तक किसी से मिलना तो क्या किसी का फोन भी उठाना पसंद नहीं करते थे। 78 एपिसोड वाले रामायण का प्रसारण जब होता था तो देश की सड़कों और गलियों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छा जाता था। आज के दौर में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। रामायण को विश्व भर में 65 करोड़ से ज्यादा लोगों ने टीवी पर देखा।
Ramayanभारत के तमाम शहरों और गांवों में रामायण के टेलीकास्ट के समय लोग अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे। चप्पलें कमरे के बाहर उतार दी जाती थीं। अपने सीरियल्स से पॉपुलर हुए रामानंद सागर जीवन के आखिरी वक्त में भी सीरियल बना रहे थे। साईं बाबा उनका आखिरी सीरियल साबित हुआ। 12 दिसंबर 2005 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा।












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मैं आपको धन्यवाद अग्रसरित करता हूँ......