Wednesday, May 6, 2020

देखिये साल का आखिरी सुपरमून ! जानिये भारत में देखने का समय............

साल 2020 का आखिरी सुपरमून
सुपरमून का दृश्य (Supermoon view)
साल का आखिरी सुपरमून 7 मई 2020 (गुरुवार) को आसमान में नजर आने वाला है। अप्रैल में सुपरमून न देख पाने वालों के लिए यह आखिरी मौका है. इस दिन चांद अपने सामान्य आकार से कई कहीं ज्यादा बड़ा दिखाई देगा और उसकी चमक भी आमतौर पर दिखने वाले चांद से कहीं ज्यादा होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आप 7 मई को सुपरमून देखने से चूक गए तो इसके लिए आपको 27 अप्रैल 2021 तक इंतजार करना होगा। 


गुरुवार को दिखने वाले इस सुपरमून को वैज्ञानिकों ने 'सुपर फ्लावर मून' नाम दिया है. इससे पहले अप्रैल में दिखाई दिए सुपरमून को 'पिंक मून' नाम दिया गया था। 
बता दें कि इस सुपरमून का यूनिवर्सल टाइम सुबह के वक्त होने के कारण ही इसे  'सुपर फ्लावर मून' नाम दिया गया है, क्योंकि यह समय फूलों के खिलने का होता है। 
नासा के वज्ञानिकों ने कहा, 'इस बार सुपरमून देखने के लिए लोगों को काफी समय मिलेगा. उनका कहना है कि 7 मई दिखने वाले सुपरमून को गुरुवार से लेकर अगले दिन शुक्रवार तक देखा जा सकेगा। चंद्रोदय और चंद्रास्त के वक्त सुपरमून का नजारा सबसे खास होगा।'


भारत में किस वक्त दिखेगा सुपरमून?

भारतीय समयनुसार यह सुपरमून आसमान में शाम को तकरीबन सवा चार बजे दिखना शुरू हो जाएगा।रिपोर्ट के अनुसार, इस बार सुपरमून का रंग शुरुआत में थोड़ा गुलाबी रहेगा। इसके बाद इसका रंग थोड़ा संतरी और हल्का पीला भी हो सकता है। 


कब दिखता है सुपरमून?

चंद्रमा की पृथ्वी से सामान्य दूरी 4,06,692 किमी होती है, जिसे अपोजी कहते हैं। पृथ्वी से इसकी न्यूनतम दूरी 3,56,500 किमी. होती है।  इस पेरिजी कहते हैं. जिस वक्त चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती उसी दिन आसमान में सुपरमून नजर आता है। 



क्यों खास होता है सुपरमून?

सुपरमून के वक्त चांद अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा और चमकदार नजर आता है. इस दिन चंद्रमा आकार में करीब 14% बड़ा दिखाई देता है और इसकी चमक करीब 30% ज्यादा होती है। 


नासा के अनुसार, सुपरमून का अस्तित्व पहली बार साल 1979 में सामने आया था। एस्ट्रोनॉमर्स ने इसे 'पेरीजीन फुल मून' नाम दिया था। 
7 मई को नजर आने वाले सुपरमून को आप लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए ऑनलाइन भी देख सकेंगे. नासा समेत कई वेबसाइटों पर इसे ऑनलाइन देखने की सुविधा होगी।

सुपरमून क्या है (What is a supermoon)?

एक सुपरमून एक नया या पूर्ण चंद्रमा है जो पेरीगी(भू-समीपक अर्थात ग्रह की कक्षा का वह बिंदु जिस पर वह ग्रह पृथ्‍वी से निकटतम होता है) के साथ निकटता से मेल खाता है, चंद्रमा की मासिक कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब बिंदु है। सुपरमून की मूल परिभाषा के अनुसार - 1979 में ज्योतिषी रिचर्ड नोले द्वारा गढ़ा गया - एक पूर्णिमा या अमावस्या को एक सुपरमून डब करने के लिए पृथ्वी के अपने निकटतम दृष्टिकोण के 90% के भीतर आना होता है। दूसरे शब्दों में, किसी भी पूर्णिमा या अमावस्या को जो हमारे ग्रह के 224,865 मील या 361,885 किमी (या उससे कम) के भीतर आता है, जैसा कि चंद्रमा और पृथ्वी के केंद्रों से मापा जाता है, नोल के मूल और अत्यंत के अनुसार एक सुपरमून कहा जा सकता है।  यही कारण है कि आप किसी भी वर्ष में कई सुपरमून के बारे में सुन सकते हैं।

हम वर्ष की सबसे निकटतम परिधि (वर्ष के लिए चंद्रमा का पृथ्वी के निकटतम बिंदु) और वर्ष के सबसे दूर के एपोगी (वर्ष के लिए पृथ्वी से चंद्रमा का सबसे दूर का बिंदु) के द्वारा "चंद्रमा के पृथ्वी के सबसे नज़दीकी दृष्टिकोण का 90%" पता लगाते हैं। 2020 में, निकटतम परिधि 221,772 मील (356,907 किमी) है। सबसे दूर का एपोगी 252,707 मील (406,692 किमी) है। तो - इसे इस तरह से देखें - कोई भी पूर्णिमा या अमावस्या जो 224,865 मील (361,885 किमी) से अधिक करीब आ रही है, जैसा कि पृथ्वी और चंद्रमा के केंद्रों से मापा जाता है, 2020 में एक सुपरमून के रूप में गिना जाता है।

पूर्णिमा के सुपरमून :-

9 मार्च, 2020 : 222,081 मील (357,404 किमी)

7-8 अप्रैल, 2020: 221,851 मील (357,035 किमी)

7 मई, 2020: 224,429 मील (361,184 किमी)


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