Saturday, May 9, 2020

नारद जयंती विशेष

ब्रह्माजी के सात मानस पुत्रों में से एक हैं देवऋषि नारद

देवऋषि नारद


देवऋषि नारद मुनि के जन्म दिवस के रूप में ज्येष्ठ महीने के कृष्ण की द्वितीया
 तिथि को नारद जयंती मनाई जाती है। इस साल नारद जयंती 9 मई और पंचाग भेद के कारण कुछ जगहों पर 8 मई को मनाई जा रही है। शास्त्रों के अनुसार नारद मुनि ब्रह्मा के सात मानस पुत्रों में से एक हैं। इनका जन्‍म ब्रह्मा जी की गोद से हुआ था। ब्रह्मा जी ने नारद को सृष्टि कार्य का आदेश दिया था, लेकिन नारद ने इससे इनकार कर दिया और भगवान विष्णु की भक्ति में लग गए। नारद भगवान विष्णु के परम भक्तों में से एक माने जाते हैं। शास्त्रों में इन्हें भगवान का मन भी कहा गया है।



क्यों कहते हैं देवर्षि-

श्रीमद्भगवद्गीता के दसवें अध्याय के 26वें श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने नारदजी के लिए कहा है कि - देवर्षीणाम् च नारद:। यानी मैं देवर्षियों में नारद हूं। देवर्षि नारद, महाग्रंथों को रचने वाले ऋषि वेदव्यास, वाल्मीकि और शुकदेव के गुरु हैं। नारदजी ने ही प्रह्लाद, ध्रुव, राजा अम्बरीष जैसे महान भक्तों को ज्ञान और प्रेरणा देकर भक्ति मार्ग में आगे बढ़ाया। इसी कारण उनको देवर्षि पद दिया गया है। यानी वो देवताओं के ऋषि हैं। कुछ ग्रंथों में कहा जाता है कि कठिन तपस्या के बाद नारद को ब्रह्मर्षि पद भी मिला था। नारद बहुत ज्ञानी थे, इसी कारण दैत्‍य हो या देवी-देवता, हर जगह उनको पूरा सम्मान दिया जाता था। 



संगीत और पत्रकारिता वालों के लिए खास हैं नारद जी-

1.  नारद जी श्रुति-स्मृति, इतिहास, पुराण, व्याकरण, वेदांग, संगीत, खगोल-भूगोल, ज्योतिष, योग आदि अनेक शास्त्रों में पारंगत थे। 
2.   ये वीणा द्वारा भगवान विष्णु की भक्ति के प्रचारक थे। 
3.  माँ सरस्वती की कृपा इन पर होने से ये अत्यंत बुद्धिमान और संगीत में निपुण थे।
4.  नारद जी का सम्मान हर लोक में होता था। देवताओं के अलावा ज्ञानी, बुद्धिमान और चतुर होने के कारण दैत्य भी नारद जी का सम्मान करते थे। 

5.  नारद जी वृतांतों का वहन करने वाले एक विचारक थे। इसलिए संगीत व पत्रकारिता में रुचि रखने वालों को खासतौर से नारद जी की पूजा करनी चाहिए।







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महाराणा प्रताप जयंती विशेष

हल्दीघाटी की माटी आज भी बताती है महाराणा प्रताप की गौरव गाथा


महाराणा प्रताप राजसिंहासन में

महान योद्धा महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) को देश का पहला स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है. वीरता और युद्ध कला के लिए मशहूर महाराणा प्रताप (Maharana Pratap Jayanti 2020) की आज (9 मई) जयंती है. महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग (पाली) में हुआ था.
महाराणा प्रताप
मेवाड़ के १३वें महाराणा
RajaRaviVarma MaharanaPratap.jpg
राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित महाराणा प्रताप
राज्याभिषेक28 फ़रवरी1572
पूर्ववर्तीमहाराणा उदयसिंह
उत्तरवर्तीमहाराणा अमर सिंह[1]
मंत्रीभामाशाह
जन्म9 मई 1540
कुम्भलगढ़ दुर्गमेवाड़ [2]
(वर्तमान में:कुम्भलगढ़ दुर्ग, राजसमंद जिला, राजस्थान, भारत)
निधन19 जनवरी 1597 (उम्र 56)
चावंडमेवाड़
(वर्तमान में:चावंड, उदयपुर जिला, राजस्थान, भारत)
जीवनसंगीमहारानी अजाब्दे पंवार सहित कुल 11 पत्नियां
संतानअमर सिंह प्रथम
भगवान दास
(17 पुत्र)
पूरा नाम
महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया
घरानासिसोदिया राजपूत
पितामहाराणा उदयसिंह
मातामहाराणी जयवंताबाई[3]
धर्मसनातन धर्म
भारतवर्ष के महान योद्धा महाराणा प्रताप को भारत का पहला स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। वह मेवाड़ में सिसौदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। महाराणा प्रताप अपनी वीरता और युद्ध कला के लिए जाने जाते हैं। हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्ध को 300 साल हो चुके हैं, पर आज भी वहां युद्ध मैदान में तलवारें पाई जाती हैं। इस युद्ध में ना तो अकबर की जीत हुई और ना ही महाराणा प्रताप की। कहा जाता है कि जब अकबर को महाराणा प्रताप के निधन का पता लगा तो वह भी रो पड़ा।
अकबर ने महाराणा प्रताप को प्रस्ताव दिया था कि यदि वे उसके सामने झुक जाते हैं तो आधा भारत महाराणा प्रताप का हो जाएगा परंतु उन्होंने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। हल्दीघाटी का युद्ध 21 जून 1576 को लड़ा गया और दोनों सेनाओ के बीच भीषण युद्ध हुआ जो केवल चार घंटे में ही समाप्त हो गया। हल्दीघाटी युद्ध के बाद से और चेतक की मृत्यु से उनका दिल पसीज गया और उन्होंने मुगलों से जीतने तक महल त्यागकर जंगल में जीवन बिताने का निश्चय किया। महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो था। उनके कवच का वजन 72 किलो था। महाराणा प्रताप भाला, ढाल, दो तलवारें, कवच लेकर युद्ध में जाते थे, जिसका कुल वजन 208 किलो होता था। इतना भार लेकर युद्ध करना सामान्य पुरुष के लिए संभव नहीं है। युद्ध में महाराणा प्रताप दो तलवार रखते थे। यदि उनके दुश्मन के पास तलवार नहीं होती थी तो उसे अपनी एक तलवार देते थे जिससे कि युद्ध बराबरी का हो। महाराणा प्रताप की तरह उनके सेनापति और सैनिक भी बहुत वीर थे। उनका एक सेनापति युद्ध में सिर कटने के बाद भी लड़ता रहा। महाराणा प्रताप वर्षों तक मेवाड़ के जंगलो में घूमे। लगातार 30 वर्षों तक प्रयास करने के बावजूद अकबर, महाराणा प्रताप को बंदी नहीं बना सका। महाराणा प्रताप ने अपने वंशजों को वचन दिया था कि जब तक वह चित्तौड़ वापस हासिल नहीं कर लेते, तब तक वह पुआल पर सोएंगे और पेड़ के पत्ते पर खाएंगे। आखिर तक महाराणा प्रताप को चित्तौड़ वापस नहीं मिला। उनके वचन का मान रखते हुए आज भी कई राजपूत अपने खाने की प्लेट के नीचे एक पत्ता रखते हैं और बिस्तर के नीचे सूखी घास का तिनका रखते हैं।

राजस्थान में ऐतिहासिक स्थल में महाराणा प्रताप

               

                    ऐसा कहा जाता है कि महाराणा प्रताप की बहादुरी की आगरा में बहुत चर्चा होती थी. यही कारण है कि अकबर को रात में उनके सपने आते थे. शूरवीर महाराणा प्रताप ने अपने जीवन के दौरान कुछ अनमोल विचार दिए थे. जिन्हें पढ़ा जाना चाहिए. पढ़ें महाराणा प्रताप के ऐसे कुछ विचार जिनसे आपके सोचने का नजरिया भी बदल जाएगा-
1. मातृभूमि और अपने मां में तुलना करना और अन्तर समझना निर्बल और मूर्खों का काम है.
2. समय इतना बलवान है कि राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है.
3. ये दुनिया कर्म करने वालों को ही पसंद करती है. इसलिए कर्म करो.
4. हार आपसे आपका धन छीन सकती है लेकिन आपका गौरव नहीं.
5. जो बुरे वक्त से डर जाते है उन्हें न सफलता मिलती है और न ही इतिहास में जगह.
6. अगर इरादा नेक हो तो इंसान कभी हार नहीं सकता है.
7. जो इंसान अपने और परिवार के आलावा भी सबके विषय में सोचे वो ही सच्चा नागरिक कहलाने के योग्य है.
8. अपने कर्मों से वर्तमान को इतना विश्वास दिला दो कि वो भविष्य को भी अच्छा होने पर मजबूर कर दे.
9. सुख से जीवन जीने से अच्छा है, राष्ट्र के लिए कष्ट सहो.
10. सम्मानहीन व्यक्ति मुर्दे के समान है.

बाल्यकाल में महाराण प्रताप


वैसे तो उनके जीवन से जुड़े कई युद्ध है लेकिन हल्दीघाटी का युद्ध ज्यादा प्रसिद्ध है जो उनके और अकबर के मध्य लड़ा गया था -

यह युद्ध 18 जून 1576 ईस्वी में मेवाड़ तथा मुगलों के मध्य हुआ था। इस युद्ध में मेवाड़ की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप ने किया था। भील सेना के सरदार राणा पूंजा भील थे । इस युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लड़ने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार थे- हकीम खाँ सूरी।
इस युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व मानसिंह तथा आसफ खाँ ने किया। इस युद्ध का आँखों देखा वर्णन अब्दुल कादिर बदायूनीं ने किया। इस युद्ध को आसफ खाँ ने अप्रत्यक्ष रूप से जेहाद की संज्ञा दी। इस युद्ध मे राणा पूंजा भील का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस युद्ध में बींदा के झालामान ने अपने प्राणों का बलिदान करके महाराणा प्रताप के जीवन की रक्षा की। वहीं ग्वालियर नरेश 'राजा रामशाह तोमर' भी अपने तीन पुत्रों 'कुँवर शालीवाहन', 'कुँवर भवानी सिंह 'कुँवर प्रताप सिंह' और पौत्र बलभद्र सिंह एवं सैकडों वीर तोमर राजपूत योद्धाओं समेत चिरनिद्रा में सो गया।
इतिहासकार मानते हैं कि इस युद्ध में कोई विजय नहीं हुआ। पर देखा जाए तो इस युद्ध में महाराणा प्रताप सिंह विजय हुए। अकबर की विशाल सेना के सामने मुट्ठीभर राजपूत कितनी देर तक टिक पाते, पर एेसा कुछ नहीं हुआ, ये युद्ध पूरे एक दिन चला ओेैर राजपूतों ने मुग़लों के छक्के छुड़ा दिया थे और सबसे बड़ी बात यह है कि युद्ध आमने सामने लड़ा गया था। महाराणा की सेना ने मुगलों की सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था और मुगल सेना भागने लग गयी थी। आप इस युद्ध की अधिक गहराई में जानकारी हल्दीघाटी का युद्ध लेख पर पढ़ सकते हैं।

चेतक पर सवार राणा प्रताप की प्रतिमा (महाराणा प्रताप स्मारक समिति, मोती मगरी , उदयपुर)


  • दिवेेेेर का युुद्ध-
राजस्थान के इतिहास 1582 में दिवेर का युद्ध एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है, क्योंकि इस युद्ध में राणा प्रताप के खोये हुए राज्यों की पुनः प्राप्ती हुई, इसके पश्चात राणा प्रताप व मुगलो के बीच एक लम्बा संघर्ष युद्ध के रुप में घटित हुआ, जिसके कारण कर्नल जेम्स टाॅड ने इस युद्ध को "मेवाड़ का मैराथन " कहा |






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9 मई 2020 ,करंट अफेयर्स

 करंट अफेयर्स-CURRENT AFFAIRS-(सामयिकी)


सामान्य जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण वर्गों में से एक है और यह आपको कुछ बहुत अच्छे अंक ला सकता है ,यदि आप ईमानदारी से अपना समय समर्पित करते हैं। अपनी सामान्य जागरूकता पर काम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप रोजाना समाचार पत्रों को पढ़ें या साप्ताहिक समाचारों के माध्यम से जायें क्योंकि यह मासिक या 6 महीने के समाचारों से गुजरने की तुलना में आपकी अधिकतम सामग्री को कवर करेगा।
                          G.K./G.S. सेक्शन के लिए सबसे महत्वपूर्ण वन लाइनर करंट अफेयर्स जिससे सम्बंधित 8-10 प्रश्न सभी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में(जैसे कि- IAS/IPS ,PCS ,NDA ,SSC ,RAILWAY ,IBPS ,CDS , SBI CLERK/PO ,सभी राज्यों के वनडे एग्जाम) एवं अन्य  एग्जाम्स  में पूछे जाते है। 
                              इसलिए हम लेकर आये हैं आपके लिए प्रतिदिन के टॉप 10 करंट अफेयर्स से सम्बंधित प्रश्न जो आपको प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे। इसमें विभिन्न विषयों ,राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की घटनाओं से प्रश्न शामिल हैं,

 1.  ईरान ने  अपनी राष्ट्रीय मुद्रा को 'रियाल ’से  बदलकर तोमान कर दिया।


  • ईरानी सांसदों ने 4 मई, 2020 को ईरान की राष्ट्रीय मुद्रा को 'रियाल' से 'टूमैन' में बदलने के लिए मतदान किया। कानून बनाने वालों ने बदलाव के लिए ईरान के मौद्रिक और बैंकिंग अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी।

 2.  पीएम ने विशाखापत्तनम गैस लीक हादसे की समीक्षा की

विशाखापत्तनम गैस लीक हादसा
  • 7 मई को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में आरआर वेंकटपुरम गाँव, गोपालपट्टनम मंडल में तड़के 3 बजे एक केमिकल प्लांट एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री में स्टाइरीन गैस रिसाव की घटना घटी। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापट्टनम में रिसाव की घटना के जवाब में उठाए जा रहे कदमों का जायजा लेने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

 3.  इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) संस्थानों ने 12 भाषाओं में मत्स्य क्षेत्र के लिए सलाह जारी की। 



  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 12 भाषाओं में मत्स्य क्षेत्र के लिए सलाह जारी की।

 4.  पर्यटन मंत्रालय ने 'देखो अपना देश DekhoApnaDesh' लोगो डिज़ाइन प्रतियोगिता शुरू की। 



  • लॉकडाउन के दौरान, पर्यटन मंत्रालय ने भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूकता पैदा करने और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'DekhoApnaDesh' के समग्र विषय पर एक वेब श्रृंखला शुरू की।
  • पर्यटन मंत्रालय ने MyGov प्लेटफॉर्म पर 'DekhoApnaDesh' लोगो डिज़ाइन प्रतियोगिता शुरू की। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य देश के नागरिकों के रचनात्मक विचारों से निकलने वाले DekhoApnaDesh अभियान के लिए लोगो रखना है।


 5.  IMD सूक्ष्म रूप से अपने मौसम पूर्वानुमानों में पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान को शामिल करता है।


  • भारत के मौसम विभाग (IMD) ने जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद को जम्मू और कश्मीर के मौसम संबंधी उप-प्रभाग में शामिल करना शुरू कर दिया है। दैनिक क्षेत्र-वार पूर्वानुमान पूरे उप-विभाजन के लिए हैं, न कि किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिए।

 6.  उत्तरी पश्चिमी घाटों के फूल पौधे के स्थानिकवाद के अध्ययन से पठारों के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला गया। 


  • अघोरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI), पुणे के वैज्ञानिक उत्तरी पश्चिमी घाटों के पौधों के आंकड़ों के साथ आए हैं जो इंगित करते हैं कि पठारों को उत्तरी पश्चिमी घाटों के संरक्षण के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
 7.  DST INSPIRE ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोग और जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऑप्टिकल सेंसर के साथ नैनोमीटर विकसित करता है 



  • भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत INSPIRE की एक टीम, सुपरकैपिटर्स के उच्च ऊर्जा घनत्व और शक्ति घनत्व को प्राप्त करने के लिए नैनोमैटिरियल्स आधारित सुपरकैपेसिटर विकसित करती है।
  • नैनोमैटिरियल्स आधारित सुपरकैपेसिटर की सुविधा :-
सुपरकैपेसिटर मानव आबादी की वृद्धि और तकनीकी प्रगति के कारण ऊर्जा की मांग को पूरा करने में मदद करेंगे जो मानव समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। सुपरकैपेसिटर के उच्च ऊर्जा घनत्व से पता चलता है कि रिचार्जिंग के बिना निरंतर वर्तमान को लंबी अवधि के लिए वापस लिया जा सकता है। इस सुविधा के साथ, ऑटोमोबाइल बिना चार्ज किए लंबी दूरी तक चला सकता है। सुपरकैपेसिटर ऐसे उद्देश्यों के लिए एक विकल्प हो सकता है।

 8.  आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम लागू किया गया। 



  • आरोग्य सेतु आईवीआरएस एक टोल-फ्री सेवा है। नागरिकों को 1921 नंबर पर एक मिस्ड कॉल देने के लिए कहा गया है और उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी के लिए अनुरोध करने पर कॉल बैक मिलेगा।
  • आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) फीचर को आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन में लागू किया गया है। ऐप की नई विशेषता का उद्देश्य नागरिकों को फीचर फोन और लैंडलाइन के साथ आरोग्य सेतु के संरक्षण में शामिल करना है। यह सेवा देश भर में उपलब्ध है।
 9.  मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर एकीकृत मिट्टी पोषक तत्व प्रबंधन पर किसानों के आंदोलन को स्थापित करने के लिए केंद्र। 


  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने एकीकृत मिट्टी पोषक तत्व प्रबंधन की स्थापना की घोषणा की है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने घोषणा की। 2020-21 के दौरान, मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम का प्रमुख फोकस देश के सभी जिलों को कवर करने वाले 1 लाख से अधिक गांवों में किसानों के लिए एक बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम होगा।
 10.  7 मई को विश्व एथलेटिक्स दिवस मनाया जाता है।



  • 7 मई को विश्व एथलेटिक्स दिवस मनाया जाता है। अवलोकन की तिथि को अंतर्राष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक महासंघ (आईएएएफ) के रूप में परिवर्तित किया जाता है, जो हर साल तारीख तय करता है, लेकिन महीना वही रहता है जो मई है। यह दिन युवाओं के बीच एथलेटिक्स में भागीदारी को बढ़ावा देना है।
  • उद्देश्य:- विश्व एथलेटिक्स दिवस IAAF 'एथलेटिक्स फॉर ए बेटर वर्ल्ड' की सामाजिक जिम्मेदारी परियोजना के अंतर्गत आता है। यह दिन लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूक करने और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन युवाओं, खेल और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक कड़ी स्थापित करने का भी है।
  • इतिहास:- विश्व एथलेटिक्स दिवस पहली बार वर्ष 1996 में मनाया गया था। दिन का अवलोकन IAAF के तत्कालीन अध्यक्ष प्रिमो नेबियोलो द्वारा शुरू किया गया था। सबसे सामान्य प्रकार ट्रैक और फील्ड, रोड रनिंग, रेस वॉकिंग और क्रॉस कंट्री रनिंग आदि के साथ कई प्रतियोगिताएं होती हैं।
  • विश्व एथलेटिक्स:- विश्व एथलेटिक्स को पहले अंतर्राष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक महासंघ के रूप में जाना जाता था। इसका गठन 17 जुलाई 1912 को हुआ था। यह मुख्यालय स्वीडन के स्टॉकहोम में स्थित है। यह एथलेटिक्स, कवरिंग ट्रैक और फील्ड, रोड रनिंग, रेसवॉकिंग, माउंटेन रनिंग और अल्ट्रैनेर्जी, और क्रॉसिंग रनिंग के खेल को नियंत्रित करता है।










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Thursday, May 7, 2020

UPPSC PCS 2020 Notification (Out), Application Form, Syllabus & Eligibility

यूपीपीएससी पीसीएस 2020 अधिसूचना

UPPSC भर्ती: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग  हर साल कई अधिसूचनाएँ जारी करता हैं।

सभी सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक अच्छी खबर जो उत्तर प्रदेश (यूपी) से संबंधित है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने संयुक्त राज्य / ऊपरी अधीनस्थ सेवाओं और वन / रेंज वन अधिकारी सेवा परीक्षा -2020 के सहायक संरक्षक के माध्यम से 200 रिक्त पदों की भर्ती के लिए यूपीपीएससी पीसीएस 2020 के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। आयोग ने 20 अप्रैल, 2020 को काम करना फिर से शुरू कर दिया था और यूपीपीएससी पीसीएस अधिसूचना को अपने कैलेंडर के शेड्यूल के रूप में जारी किया था। यूपीपीसीएस यूपी सरकार की निकाय परीक्षा है जो राज्य में विभिन्न परीक्षा आयोजित करती है।
                  
 आप नीचे दिए गए अनुभागों में पात्रता आवश्यकताओं, परीक्षा शुल्क, आवेदन प्रक्रिया, वेतन, और अन्य विवरण पा सकते हैं।



यूपीपीएससी भर्ती 2020 अधिसूचना - संक्षिप्त जानकारी

  • प्राधिकरण का नाम: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC)
  • पोस्ट नाम: चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, सहायक, प्रधान, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, और अन्य पद
  • कुल रिक्तियों की संख्या: विभिन्न
  • आवेदन की विधि: ऑनलाइन / ऑफलाइन मोड
  • कार्य स्थान: उत्तर प्रदेश
  • नौकरी श्रेणी: यूपी सरकार नौकरियां 2020
  • आधिकारिक वेबसाइट: http://uppsc.up.nic.in/
  • उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बारे में (About Uttar Pradesh Public Service Commission)-


लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश का गठन 1 अप्रैल 1937 को किया गया था। UPPSC का गठन सिविल सेवाओं और विभिन्न सिविल सेवाओं और विभिन्न पदों पर प्रवेश-स्तर की नियुक्तियों के लिए विभिन्न पदों के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए किया जाता है। उत्तर प्रदेश पीएससी की प्राथमिक भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में सिविल सेवा पदों के लिए परीक्षाओं का आयोजन और स्थानान्तरण करना, पदोन्नति एक सेवा से दूसरी सेवा शामिल है।

  • उत्तर प्रदेश पीएससी पात्रता शर्तें 2020 (Uttar Pradesh PSC Eligibility Conditions 2020)-


आवेदन पत्र भरने से पहले प्रतिभागियों को आधिकारिक विज्ञापन में पात्रता आवश्यकताओं की जांच करनी चाहिए। आमतौर पर, योग्यता में आयु सीमा, शैक्षिक योग्यता, राष्ट्रीयता और अनुभव शामिल होते हैं।


  • शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification)-

आवेदक को सरकारी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान / बोर्ड से अच्छे अंक के साथ अपना स्नातक / SSC / पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करना चाहिए।


  • आयु मानदंड (Age Criteria)-

Min. Age  - 18 वर्ष
अपर नाम सीमा, पद के नाम, सेवा के नाम और राज्य सरकार के नियमों के आधार पर।

ऊपरी आयु सीमा में छूट आरक्षित वर्ग के आवेदक, शारीरिक रूप से विकलांग, पीएचडी शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवारों और पूर्व सैनिकों के लिए लागू है।

यूपीपीएससी पीसीएस 2020 परीक्षा तिथियां-
यूपीपीएससी पीसीएस और एसीएफ / आरएफओ 2020 परीक्षा के लिए परीक्षा की तारीख यूपीपीएससी ने अपने आधिकारिक कैलेंडर के साथ जारी की है, लेकिन कोरोनोवायरस महामारी के कारण योजना के निष्पादन में अनिश्चितता और परिणामी लॉकिंग के कारण इसमें देरी हो सकती है। प्रीलिम्स परीक्षा 21 जून को आयोजित होने वाली है। ऑनलाइन आवेदन से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं। हालांकि, नीचे दी गई UPPSC 2020 PCS और ACF / RFO परीक्षा के लिए अस्थायी तिथियां दी गई हैं:


UPPSC PCS 2020 EventsDate
UPPSC Advt. NumberA-1/E-1/2020
UPPSC PCS 2020 Notification released on21st April 2020
UPPSC PCS 2020 Application Form starts on21st April 2020
UPPSC PCS 2020 Application Form ends on21st May 2020
Last Date for Making Fee Payment18th May 2020
UPPSC PCS 2020 Prelims Admit CardJune 2020
UPPSC PCS 2020 Prelims Exam Date21 Jun 2020 (Tentative)
UPPSC PCS 2020 Prelims ResultOctober 2020(Tentative)
UPPSC PCS 2020 Mains Exam DateNovember 2020(Tentative)
UPPSC PCS 2020 Mains ResultJanuary 2021(Tentative)
UPPSC PCS Personality TestMarch 2021(Tentative)

UPPSC PCS 2020: Exam Summary(यूपीपीएससी पीसीएस 2020: परीक्षा सारांश)-

Exam NameUPPCS PCS and ACF/RFO
Conducting BodyUttar Pradesh Public Service Commission(UPPSC)
Exam LevelState Govt Job
Online Application ModeOnline Only
Exam ModeOffline
LanguageEnglish and Hindi
Selection Process
  • Prelims
  • Mains
  • Interview
Age Limit21 years to 40 years
Vacancy200
Exam CitiesAcross the Uttar Pradesh

Official Websitehttp://uppsc.up.nic.in/
Exam Helpdesk No.0532 – 2407547
+91 – 8765973668

  • UPPCS वेतन / वेतनमान:-

ACF / RFO को छोड़कर संयुक्त राज्य सेवा परीक्षा के अंतर्गत सभी पदों का वेतनमान रु। 9300-34800 ग्रेड पे रु 4600 / - (नायब तहसीलदार को छोड़कर जिसका ग्रेड पे रु। 4200 / -) से रु। 15600-39100 / - ग्रेड वेतन रु। 5400 / -

सहायक वन संरक्षक / रेंज वन अधिकारी सेवा परीक्षा के तहत पे-स्केल, ग्रेड पे और पद की स्थिति नीचे दी गई है:-
सहायक वन संरक्षक- Rs.15600 / - से Rs.39100 / -, ग्रेड पे- Rs.5400 / -, (वेतन मैट्रिक्स समूह में स्तर 10) समूह “बी”, राजपत्रित।

रेंज वन अधिकारी सेवा परीक्षा- Rs.9300 / - से Rs.34800 / -, ग्रेड पे - Rs.4800 / -, (लेवल 8 पे मैट्रिक्स 47600 - 151100) ग्रुप “B”, राजपत्रित।

  • यूपीपीएससी पीसीएस चयन प्रक्रिया:-
UPPSC UPPCS प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा पूरे राज्य में ऑफलाइन आयोजित की जाएगी। UPPSC PCS चयन प्रक्रिया के 3 चरण हैं:

1. प्रारंभिक (उद्देश्य और MCQ)

2. मेन्स (लिखित)

3. व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार)

  • UPPCS PCS 2020 परीक्षा पैटर्न:-
यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा तीन चरणों वाली परीक्षा है और उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षण) के बाद यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में बैठने की आवश्यकता होती है। प्रीलिम्स परीक्षा एक वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा है जिसमें दो प्रश्न पत्र होते हैं।
यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न-
UPPSC PCS 2020 की प्रीलिम्स परीक्षा अलग-अलग पाली में होने वाले 2 पेपरों की एक ऑफ़लाइन परीक्षा है। प्रत्येक पेपर के लिए आवंटित कुल अंक 200 है और प्रीलिम्स परीक्षा के प्रत्येक पेपर के पूरा होने के लिए आवंटित कुल समय 2 घंटे है। पेपर -1 (सामान्य अध्ययन I) में कुल प्रश्न 150 हैं जबकि पेपर -2 100 अंकों का है।
PaperTotal QuestionsMarksDuration
Paper-1 – General Studies I150200 marks2 Hours
Paper-2 – General Studies II (CSAT)
Qualifying in Nature
100200 marks2 Hours
महत्वपूर्ण बिंदु:-

1. प्रारंभिक परीक्षा के पेपर- II में क्वालीफाइंग पेपर होगा, जिसमें न्यूनतम योग्यता अंक 33% होंगे।

2. उम्मीदवारों के लिए प्रारंभिक परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में उपस्थित होना अनिवार्य है।

3. उम्मीदवारों की योग्यता प्रारंभिक परीक्षा के पेपर -1 में प्राप्त अंकों के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

UPPSC PCS Mains परीक्षा पैटर्न-
UPPSC PCS मुख्य लिखित परीक्षा में छह अनिवार्य और दो वैकल्पिक पेपर शामिल होंगे। प्रत्येक पेपर के लिए आवंटित समय 3 घंटे है। मुख्य परीक्षा के लिए पैटर्न और पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है:

Paper NameMarksTime Duration
General Hindi1503 Hours
Essay1503 Hours
General Studies – I2003 Hours
General Studies – II2003 Hours
General Studies – III2003 Hours
General Studies – IV2003 Hours
Optional Subject – Paper I2003 Hours
Optional Subject – Paper II2003 Hours

व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार)-
व्यक्तित्व परीक्षण (VIVA-VOCE) 100 अंकों का होगा। परीक्षण सामान्य रुचि के मामले को ध्यान में रखते हुए और सामान्य जागरूकता, बुद्धिमत्ता, चरित्र, अभिव्यक्ति शक्ति / व्यक्तित्व, सेवा के लिए सामान्य उपयुक्तता, कुछ सामान्य ज्ञान के प्रश्नों और वर्तमान विषयों के मामले से संबंधित होगा।